सरकार, व्यापारियों एवं उद्याेगपतियों को परिवर्तन की दौड़को समझने की जरूरत: कमलनाथ

भोपाल, वर्तमान में सरकार, व्यापारियों एवं उद्योगपतियों को परिवर्तन की दौड़ को समझने की जरूरत है। जिसने इसकी नब्ज को नहीं समझा उनके कारोबार बंद हो गए। 30-40 साल पहले जो कंपनियां (उद्योग-व्यापार) टॉप पर थे , आज उनका नाम नहीं है। मुख्यमंत्री मंगलवार को मिंटो हॉल में हुई कॉमपिस्ट (कॉन्फिडरेशन ऑफ एमपी फॉर इंडस्ट्री, सर्विसेस एंड ट्रेड) की पहली 'कॉमपिस्ट बिजनेस डवलपमेंट मीट ' में बतौर मुख्य अतिथि शिरकत हुए। कार्यक्रम में पूर्व  मुख्यमंत्री और कॉमपिस्ट के चीफ पैट्रन दिग्विजय सिंह भी मौजूद थे।


मुख्यमंत्री कमलनाथ ने प्रदेश के छोटे, मध्यम व्यापािरयों एवं उद्यमियों को एकत्र करने के लिए कॉम्ापिस्ट को बधाई दी और कहा िक कॉमपिस्ट काे सरकार का पूरा सपोर्ट मिलेगा। उन्होंने कहा, उद्योग-व्यापार में उन्नति करना है तो परिवर्तन को समझना होगा और उसी हिसाब से बदलते तरीकों से काम करना होगा। मुख्यमंत्री ने कहा, उद्योग-व्यापािरयों का कॉम्पटीशन अब ई-कॉमर्स से है। ' ऊबर' अब गांवों में  ट्रैक्टर भी सेवा में जोड़ने वाली है। अब हमें 'ना' करने की नहीं, 'हां'करने की ट्रेनिंग देनी है। इस परिवर्तन के दौर में प्रदेश उद्याेग-व्यापार को कैसे फिट करें? समझना होगा।
 मुख्यमंत्री ने कहा, 70 प्रतिशत लोगों का जीवन कृषि पर आधारित है अौर हमें िकसानों की क्रय क्ष्ामता बढ़ना है। प्रदेश में पहले कम उत्पादन चुनौती हुआ करता था, लेिकन अब अधिक उत्पादन चुनौती है। पैदावार ज्यादा होती है तो िकसानों को फसलों के दाम कम मिलते हैं।   उन्हें घाटा उठाना पड़ता है। वह (िकसान) कर्जदार हो जाता है। यह स्थिति पिछले तीन-चार साल से प्रदेश में है। उन्होंने कहा, हमें इस बात पर सोचना है िक बढ़ते उत्पादन का 'जूस' कैसे निकालें? मुख्यमंत्री ने कहा, उद्योग-व्यापार प्रारंभ करने में यदि लेट-लतीफी होती है तो निवेशकर्ता तोबा कर जाता है। मुख्यमंत्री ने कहा िक सरकार ने इंदौर में एक हजार युवाओं को राेज़गार देने वाली एक  विदेशी आईटी कंपनी को तीन दिन में विकास करने के बारे में फैसला लिया। 
मुख्यमंत्री ने कहा, मप्र में निवेशकों के लिए अनुकूल वातावरण है। टूरिज्म के लिए अच्छे स्थान हैं। निवेश ट्रांसफर करते हैं तो आर्थिक गतिविधियां बढ़ती हैं। इंदौर में हुई 'मैग्नीफिसेंट एमपी' में निवेशकों ने बेहतर विश्वास जताया है। विकास का आर्थिक व्यवस्था  में अहम योगदान है। क्या एम
 एडवायजरी काउंिसल को सीएम की मंजूरी, पहली बैठक में रहेंगे मौजूद:
 मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कॉमपिस्ट के  लिए सरकार की एडवायजरी काउंिसल ( एडवायजरी काउंिसल बनाने का आग्रह श्री दिग्विजय िसंह ने दिया) बनाने को मंजूरी दी और कहा, इसकी पहली बैठक में खुद मौजूद रहूंगा। कौन पीिड़त है- सबकी समस्याएं सुनूंगा। काउंिसल की पहल बैठक का नाम 'आलोचना'रखिए। दो साल बाद निवेशकों से सुनना चाहता हूं िक सरकार से रिटेल डील करने में एक चौथाई समय ही लग रहा है। 
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अब छोटे-मध्यम उद्यमियों का विश्वास जीतना पड़ेगा: दिग्विजय सिंह
पूर्व  मुख्यमंत्री और कॉमपिस्ट के चीफ पैट्रन दिग्विजय सिंह ने कहा, मुख्यमंत्री कमलनाथ ने 'मैग्नीफिसेंट एमपी' कार्यक्रम से बड़े उद्यमियों का तो विश्वास जीत लिया है अब छोटे, मध्यम उद्योग-व्यापार करने वालों का भी विश्वास जीतना पड़ेगा। इसके लिए जरूरी है सीएम की देख-रेख में एक एडवायजरी काउंसिल बनाई जाए। िजससे कॉमपिस्ट उद्योग-व्यापारियों की समस्याएं समय-समय पर रखती रहे। श्री िसंह ने इस बात पर आश्चर्य जताया िक ट्रांसपोर्ट का 200 करोड़ का टर्नओवर है, जिस पर 120 करोड़ रुपए पेनॉल्टी लग गई। सरकार िकस तरह से अन्याय करती है? उन्होंने कहा, आप (मुख्यमंत्री) कॉरपोरेट की तरह इनका विश्वास जीतिए।  केंद्र सरकार के प्लास्िटक के अचानक बैन पर भ्ाी ऐतराज व्यक्त िकया।
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कॉमपिस्ट के अध्यक्ष गोिवंद गोयल ने संस्था के उद्देश्य, गठन और  उसके कामों की विस्तार से वर्णन िकया और उम्मीद जताई की कॉमपिस्ट को सरकार का सहयोग मिलेगा। उन्होंने 50 माइक्रोन से कम की पॉलीथ्िान को मप्र में एकदम बंद न करने पर मुख्यमंत्री के सहयोग की सराहना की।
 इस मौके पर प्रकाश शर्मा, संजय मूलचंदानी, एस कृष्णन, तेजकुल पाल िसंह पाली एवं प्रमुख सचिव (उद्याेग) राजेश राजौरा मंचासीन उपस्थित थे। कार्यक्रम में कॉमपिस्ट के करीब 400 सदस्य मौजूद थे।